Friday 7 November 2014

Bhabhi Ki Jabrdast Chudai

Bhabhi Ki Jabrdast Chudai
अगस्त का महीना था, मैं खाना खाकर दरवाजे चारपाई पर मच्छरदानी लगाकर लेटा था क्योंकि गाँव में बिजली खराब थी तो पंखा तो चल नहीं सकता था इसलिए बाहर ही लेटा था।
मैं लेटा हुआ मोबाइल पर अन्तर्वासना पर कहानियाँ पढ़ रहा था कि तभी गाँव में कुछ हलचल सी सुनाई पड़ी।
कुछ लोगों की आवाजें आ रही थी।
थोड़ी देर में पता चला कि किसी की भैंस खुल गई है।
तब तक गाँव की भाभी तेज चाल में मेरे दरवाजे आईं और बोली- चक्रेश भैया, मेरी भैंस नहीं मिल रही है पता नहीं कहाँ चली गई, तुम चलकर उसे ढूंढवा दो।

पापा की चारपाई भी पास में ही थी, उन्होंने भी कहा- जा देख ले जाकर!
मैंने सोचा अब तो जाना ही पड़ेगा।
मैंने लाठी और बत्ती ली और कहा- चलो भाभी, देखते हैं भैंस कहाँ गई?
मैंने भाभी के साथ आस पास के कई खेतों में टार्च लगाकर देखा लेकिन भैंस का कहीं पता न चल सका।
मैंने कहा- भाभी, चलो थोड़ा आगे मेरे खेतों तक चलकर देखते हैं।
‘चलो!’ भाभी भी तैयार थी।

Sunday 2 November 2014

fuddi+fadi+chacheri+bahan चचेरी बहन की बन्द चूत फ़ाड़ी

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चचेरी बहन की बन्द चूत फ़ाड़ी

मेरा नाम हरीश है, मेरी उम्र 23 साल है, मैं एक अच्छी कद काठी का लड़का हूँ, हरियाणा का निवासी हूँ। मैं अपनी सच्ची कहानी आप सब के सामने रख रहा हूँ। यह अभी दो महीने पहले की ही बात है।
मुझे अपने एक चाचा की लड़की बहुत पसन्द है जिसका नाम मनप्रीत (बदला हुआ नाम) है, वह बहुत सुन्दर है।
वैसे तो मैं उसे बचपन से ही चाहता हूँ पर कुछ कहने की हिम्मत नहीं कर पाया!
पर दो महीने पहले एक दिन मैंने उसे उसके फ्रेंड के साथ सेल फोन पर बातें करते हुए करते हुए देख लिया उसने मुझे कहा- तुम किसी को कुछ नहीं कहोगे।
मैंने कुछ नहीं कहा और मैं चुपचाप अपने घर आ गया, यह सब देख कर मैं बहुत परेशान हुआ और अपने बिस्तर पर लेट गया।
ना जाने कब मुझे नींद आ गई।
जब मैं जागा तो मनप्रीत मेरे पास बैठ कर रो रही थी, उसने कहा कि अगर मैंने किसी को कुछ बताया तो वो कहीं की नहीं रहेगी।

Saturday 1 November 2014

भाभी की चुदाई की बेकरारी

हैलो दोस्तो, मैं परवेज फरीदाबाद से हूँ।

मैं पहली बार अपनी कहानी लिख रहा हूँ।
जब मैं 18 साल का था, यह तब की बात है। मेरे बड़े पापा (ताऊ) के दूसरे बेटे ने भाग कर शादी की, इसलिए उनके वापिस आने पर एक पार्टी दी गई, उसमें हमारे परिवार के सभी सदस्य शामिल थे, पार्टी रायपुर में दी गई थी।
पार्टी ख़त्म होने के दो दिन बाद हमारे घर के अधिकतर लोग वापस चले गए पर मैं घूमने के लिए कुछ दिन वहाँ रुक गया।
मेरी बड़ी भाभी मुझे बहुत पसंद करती थीं, उन्होंने मुझे वहीं रोक लिया था।
देखते-देखते दो दिन बीत गए, मैं शाम को घूम कर आने के बाद ऊपर की मंजिल पर चला गया।
वहाँ सिर्फ़ भाभी थीं, वो रोटी बना रही थीं। उनको अधिक गरमी लगने के वजह से अपनी साड़ी का आँचल ब्लाउज से हटा दिया था, जिसके कारण उनकी उभरी हुई चूचियां दिख रही थीं।
उनके मम्मे देखते ही मेरा लंड तन गया।

चुदाई का डर मजे में बदल गया

 चुदाई का डर मजे में बदल गया
यह कहानी मुझे मेरे फेसबुक के मित्र ने भेजी है और उसने मुझसे इल्तजा की है कि उसका नाम गुप्त रखा जाए क्योंकि वो नहीं चाहता है कि उसकी ममेरी बहन के साथ उसके अवैध रिश्ते उजागर हों।
उसकी कहानी उसी की जुबानी पेश है।
हैलो दोस्तो, मैं 21 साल का एक आकर्षक दिखने वाला लड़का हूँ। मैं आपको अपनी एक दास्तान सुनाने जा रहा हूँ, यह एक सच्ची घटना है जिसने मेरी जिन्दगी ही बदल दी।
बात एक साल पहले की है मेरे मामा की लड़की रानी की शादी थी और मैं मामा के घर 6 दिन पहले ही चला गया था।
जब मैंने रानी को देखा तो मैं हैरान रह गया, वो बहुत सेक्सी लग रही थी। उसको देख कर मेरा लंड एकदम से तन गया और मैं गुसलखाने में जाकर मूठ मारने लगा।
करीब 4 बजे मैं मामा के कंप्यूटर पर गेम खेल रहा था कि रानी के होने वाले पति का फोन आ गया तो मेरा दिल उसकी बातें सुनने को करने लगा।
मैंने कंप्यूटर में एक सॉफ्टवेयर लोड कर लिया जो हर आने-जाने कॉल को रिकॉर्ड कर लेता है। तो मैं उनकी वार्तालाप को रिकॉर्ड करने लगा और सुनने लगा।

बहनजी की चुदाई की आग

हैलो दोस्तो, आप सभी को मेरा सलाम, नमस्कार !
मेरा नाम कृष्णा है, प्यार से सभी मुझे क्रिश बुलाते हैं, मैं औरंगाबाद का रहने वाला हूँ।
आज़ मैं आपको अपनी असली कहानी बताने जा रहा हूँ।
मेरे घर में हम चार लोग रहते हैं- पापा, माँ, दीदी और मैं।
हमारी घर की हालत अच्छी नहीं थी, तो मैं, मेरी माँ और दीदी हम गाँव से दूर काम के लिए आए थे और पिताजी हफ़्ते में या दो हफ़्ते में हमसे मिलकर जाते थे, क्योंकि उन्हें गाँव की तरफ़ खेती भी देखनी पड़ती थी।
जब हम शहर में आ गए तो माँ को एक अच्छा सा काम मिल गया। उनको उस काम के पैसे भी अच्छे मिल रहे थे।
मैंने भी एक काम देख लिया और बी.कॉम में दाखिला भी ले लिया।
दीदी दिन भर घर पर ही रहती थीं, पैसे अच्छे आने लगे तो हमने दो कमरे का घर ले लिया, लेकिन अधिक पैसे नहीं थे इसलिए दीदी की शादी भी नहीं हो रही थी।
बात तब की है जब मैं बी.कॉम तीसरे वर्ष में था और मेरी दीदी अपनी पढ़ाई पूरी कर चुकी थीं।
दीदी की उम्र 23 साल थी और मैं 21 साल का था।
मेरी दीदी दिखने में बहुत ही सुन्दर है, उसका फ़िगर तो कमाल का है 36 के चूचे और 26 की कमर और 36 की पिछाड़ी.. क्या कयामत लगती थी वो।

Mami ki Moti Gaand

मामी की मोटी गाण्ड

 दोस्तो, मेरा नाम सुनील है, मैं मुरादाबाद का रहने वाला हूँ। यह उ.प्र. का बहुत नामचीन शहर है, जिसे दुनिया पीतल नगरी के नाम से जानती है।
यह कहानी मैं आपके लिए लेकर आया हूँ, मुझे घरेलू कहानियाँ बहुत पसन्द आती हैं।
मैं आपको अपनी ऐसी ही एक कहानी सुनाता हूँ।
मैं उस वक़्त 25 साल का था और अक्सर अन्तर्वासना की कहानियाँ पढ़ता था।
मेरे घर के सामने वहीं पास में अपने नानाजी के यहाँ रात को सोने जाता था क्योंकि हमारा घर बहुत छोटा था।
वहाँ नाना-नानी और मेरे मामा संजय व मामी रहते थे।
मामा मुझसे कई साल बड़े थे पर थे बिल्कुल चूतिया।
उन्हें बस छत पर खड़े होकर औरतों को लण्ड दिखाना पसंद था, वो भी शादीशुदा औरतों को। पर वो लड़कों की गाण्ड चाट-चाट कर मारते थे एक बार बचपन में मेरी गाण्ड भी मारी थी।
मामी, मामा से भी 5 साल बड़ी थीं क्योंकि वो गाँव की रहने वाली थीं, उनका बदन काफ़ी भरा हुआ था, उनके मम्मे मोटे-मोटे थे, लगभग 42 इंच की भरी हुई गदराई गाण्ड थी।
जब वे चलती थीं तो कसम मेरे बाप की, लण्ड खड़ा हो जाता था।

Kamsin Kamini Ki Chudai Ka Maja

Kamsin Kamini Ki Chudai Ka Maja

 

मेरी उम्र इस समय 30 साल की है, मैं यह कहानी तब की लिख रहा हूँ जब मैं 18 साल की उम्र में था।
मैं लखनऊ से हूँ और मेरी लम्बाई 5 फुट 10 इंच की है। मेरा जिस्म भी ठीक-ठाक है और मैं पढ़ाई में भी अच्छा स्टूडेंट था। लेकिन मेरी किसी लड़की से दोस्ती नहीं थी और मैं हमेशा से ही लड़कियों के साथ चुदाई करने की इच्छा रखता था।

मेरे मन में बहुत ही डर लगा रहता था कि किसी से मैं कुछ कहूँ और वो डांट न दे।
एक दिन मेरे साथ ही पढ़ने वाली एक लड़की जिसका नाम कामिनी (बदला नाम) था, वो देखने में तो कयामत थी।
उसकी भी उम्र 18 की थी, उसका रंग गोरा था और जिस्म का माप 30-32-30 का था।
मैं उसे बहुत चाहता था लेकिन डर के मारे कभी कुछ कह न सका।
वैसे मेरे घर वाले और उसके घर वाले काफी करीब थे, लेकिन हम दोनों की जातियां अलग थीं।
मैं ब्राह्मण परिवार से हूँ और वो राजपूत है।

Naina Ki Saheli Rupali Bhi Chudi

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Ek Lund Se Boriyat Si Ho Gai

दोस्तो, कभी-कभी ईमेल भी नशीली चूत का खजाना लेकर आ जाता है। मेरे साथ ऐसा ही हुआ। मैं मेल आईडी में दर्ज सभी लोगों को नशीले फोटो भेजता रहता हूँ।
ऐसे ही फोटो के जबाव में मुझे एक ईमेल आई कि मैं 24 साल की शादीशुदा महिला हूँ और आपके भेजे हुए फोटो मुझे बहुत पसन्द आते हैं। जब भी मैं इन तस्वीरों को देखती हूँ मैं कल्पना करती हूँ कि आप मुझे इस तरह प्यार करते और चोदते हो… क्या ऐसा नहीं हो सकता कि हम कहीं मिलें और वास्तव में मस्ती करें?
कहाँ और कैसे मिल कर चुदाई करें.. ऐसी कशमकश में 2-3 दिन निकल गए क्योंकि वो चैट नहीं करती थी, ईमेल से ही बात किया करती थी।
फिर ऐसा तय हुआ कि हम उसी के घर पर मिलें क्योंकि वो अपने पति के साथ अकेली रहती थी।
उसके पति का बिजनेस के सिलसिले में अक्सर घर से बाहर रहना होता रहता था।
उसने मेरा सेल नम्बर ले लिया और कहा- जब मैं अकेली रहूँगी तब आपको फोन कर दूँगी।
हमारी बात होने के दो दिन बाद उसका फोन आया।
उसकी क्या आवाज़ थी.. बाप.. मेरे तो होश ही उड़ गए थे!
मैं उसकी आवाज़ के नशे में डूबा जा रहा था।
वो बोली- मेरे पति आज बाहर गए हुए हैं आप करीबन एक बजे मेरे घर आ जाएँ।
उसके दिए हुए पते पर मैं वक्त से पहुँच गया और दरवाजे की घण्टी बजाई तो उसने दरवाजा खोला।
मैं तो उसे देखता ही रह गया.. क्या गदराया हुआ जिस्म था उसका.., वो एक 5’7″ की लम्बाई वाली छरहरे बदन की भरी हुई जवानी थी।
मैं तो उसे आँखें फाड़े देखता ही रह गया।
वो मदहोश करने वाली मुस्कुराहट से बोली- अन्दर भी आ जाओ..
मैं होश में आते हुए अन्दर चला गया और उसने दरवाजा बन्द कर दिया।
मुझे कमरे में बिठा कर वो पानी लाने रसोई में चली गई।
मैं उसे जाते हुए देखता रहा, उसने साड़ी नाभि के नीचे से बाँध रखी थी और जब वो चल रही थी तो उसकी अर्धनग्न पीठ कयामत ढा रही थी।
वो अपनी गाण्ड मटका कर ऐसे चल रही थी जैसे मुझे गाण्ड मारने का न्यौता दे रही हो।
उसके गोल-गोल चूतड़ देख मेरा लौड़ा पैन्ट में नहीं समा रहा था।
वो पानी लेकर आई और मेरे पास खड़े होते पूछा- घर ढूँढने में कोई परेशानी तो नहीं हुई।
तो मैं उसके कूल्हों पर हाथ फेरता हुआ बोला- नहीं..

Doublebed par Double Choot Chudai

अमित और राहुल दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे, उन्होंने कालेज की नई नई शुरुआत की थी, दोनों दिखने में एकदम सेक्सी थे।
तब उनकी दोस्ती रजनी और दीपिका से हुई, वे भी दिखने में सेक्सी लड़कियाँ थी।
उनकी दोस्ती आपस में बढ़ने लगी। धीरे धीरे वे एक दूसरे के बहुत करीब आ चुके थे तो एक दिन उन्होंने कहीं घूमने जाने के बारे में सोचा।
तो उन्होंने मनाली जाने का तय किया।
वे चारो अगली सवेरे घर से निकल कर एक जगह इकट्ठे हुए।
अमित की कार में बैठ कर मनाली के लिए निकल पड़े, रास्ते में उन्होंने खूब एक दूसरे का मजाक उड़ाया।
खाने के लिए वे एक होटल में रुक गये, खाना खाने के बाद वो फिर से अपनी कार की ओर चल पड़े। तब अमित ने रजनी को आगे और दीपिका को पीछे राहुल के साथ बैठने को कहा।
चाअओ मनाली की ओर निकल पड़े, तब राहुल ने अपने फ़ोन पर कुछ वीडियो डाउनलोड की और दीपिका को दिखाने लगा।
पहले तो दीपिका शरमा रही थी, कुछ ही देर में उसका भी मन मचलने लगा, वही वीडियो उसने रजनी को दिखाई।
दोनों लड़कियाँ अमित और राहुल की दीवानी हो चुकी थी।
कुछ ही देर में वे मनाली पहुँचने वाले थे। वे आपस में प्यार भरी बातें कर रहे थे।

चूत चुदाई की प्यासी पड़ोसन

चूत चुदाई की प्यासी पड़ोसन

मेरे 8 इन्च के खड़े लंड से आप सभी चूत की रानियों को मैं नमस्कार करता हूँ।
मेरा नाम आदित्य है, दिल्ली का रहने वाला हूँ, मेरा कद 5 फुट 7 इंच है, मेरा रंग ना ज़्यादा साफ, ना ही काला यानि मध्यम वर्ण का बंदा हूँ। मैं दिखने में आकर्षक हूँ और मेरी उम्र 21 साल है।
अब आपका ज़्यादा समय ना लेते हुए कहानी पर आता हूँ।
मैं मई के महीने में दिल्ली अपनी मेडिकल की कोचिंग करने आया था, मैं पढ़ने में ठीक था, तो माँ-बाप ने डॉक्टर बनाने का फ़ैसला किया।
मैं अपने मामा के साथ रहता हूँ, वो सुबह 8 बजे जाते हैं और फिर रात को ही लौटते हैं।
जिस फ्लैट में मैं रहता हूँ उसी फ्लैट में एक भाभी रहती थीं, अब नहीं रहती हैं। उसकी नई-नई शादी हुई थी, क्या कमाल की भाभी थीं.. गोल-गोल बड़े-बड़े चूतड़.. चूचियों को तो देखते ही दबाने का मन होता था… लगता था कि अभी दूध बाहर आ जाएगा।
उनका नाम था पल्लवी था।

Job me Chudai ki Mauj

 Job me Chudai ki Mauj

हैलो दोस्तो, मेरा नाम दीपेश है मैं संगरूर पंजाब का रहने वाला हूँ पर चंडीगढ़ में नौकरी करता हूँ।
वहीं मैंने एक कमरे का फ्लैट किराए पर लिया हुआ है।
दोस्तो, मैंने नई-नई नौकरी करना आरम्भ की थी, वहाँ पर करीब 25 लोगों का स्टाफ था, जिसमें करीब 5 महिलायें और 20 पुरुष काम करते थे, मैं पुरुषों में सबसे कम उम्र का था, मेरी उम्र 22 साल है।
वैसे कॉलेज के वक़्त मेरी कई गर्ल-फ्रेंड्स थीं। मैं बहुत बार चुदाई भी कर चुका था, पर पिछले करीब 6 महीने से मेरा लण्ड सूखा पड़ा था और उसको चूत के दर्शन भी नसीब नहीं हुए थे।
मेरा लंड किसी चूत से मिलने को तड़प रहा था और मुझे मूठ मार कर ही काम चलना पड़ता था।
मैं 5 महिलाओं में सबसे छोटी और सबसे ज्यादा उम्र वाली को सैट करने के चक्कर में था।
सबसे छोटी वाली लड़की की उम्र 19 साल थी और वो एकदम कच्ची कली थी। उसे देख कर ऐसा लगता था कि उसकी तो सील भी नहीं टूटी होगी।

Mere Sasur ne Mujhe Choda-6

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Mere Sasur ne Mujhe Choda-5

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Mere Sasur ne Mujhe Choda-4

बस में मेरे ससुर जी एक हाथ पीछे करके अपने एक हाथ से मेरी चूत को साड़ी के ऊपर से ही सहलाने लगे।
मुझे बहुत ही आनन्द आ रहा था।मेरे आगे-पीछे दोनों तरफ से मेरे अंगों को मसला जा रहा था।
तभी बस रुकी और देखा कि सब्जी मंडी आ गई। हम उतरे और सब्जी ली और वापस घर आ गए।
रात को ससुर ने मुझे खूब चोदा।
फिर एक दिन हमारे गाँव में मेला लगा तो ससुर जी ने मुझे बहुत सी सिंगार की चीजें दिलाईं और मुझे खूब घुमाया।
मुझे ऐसा लग रहा था जैसे हम पति-पत्नी हों।
उन्होंने बैंक में मेरे नाम पर 10000/- एफ़डी भी करवा दी और फिर एक दिन मेरा बेटा राजू उदयपुर से आया और हम कुछ दिन ऐसे ही सामान्य रहे।
पर उन्हीं दिनों एक दिन जब राजू सो रहा था और बाबू जी मेरे कमरे में आ गए और मेरे पास आकर मुझे छत पर ले गए, बोले- रत्ना मेरी जान.. आज चाँदनी रात है आज यहीं छत पर तुम्हें चोदने का मन हो रहा है।
‘बाबू जी.. राजू यहीं है.. यदि उसको पता लग गया तो? नहीं.. नहीं… आप उसके जाने के बाद कर लेना, जो भी करना है।’

Mere Sasur ne Mujhe Choda-3

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Mere Sasur ne Mujhe Choda-2

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Mere Sasur ne Mujhe Choda-1

Mere Sasur ne Mujhe Choda-1

दोस्तो, मैंने कुछ दिन पूर्व पकिस्तान से एक मोहतरमा कौसर की कहानी सम्पादित की थी जिसको पढ़ कर मेरे पास फेसबुक पर एक महिला ने सम्पर्क किया और मुझे कौसर जैसी ही एक घटना के बारे में बताया जो कि उनके साथ अभी तक चल रही है।
उन्होंने अपनी पूरी दास्तान मुझे लिख कर भेजी और मैंने उनकी कहानी को सम्पादित करके जस की तस आपके सामने रखने का निर्णय किया।
आप कहानी को रत्ना जी की लेखनी से ही पढ़ें और अपने विचार व्यक्त करें।
नमस्कार साथियो, मेरा नाम रत्ना शर्मा है और मैं भीलवाड़ा से हूँ और मैं आज आपको अपने परिवार और मेरी कहानी बताने वाली हूँ जो कुछ महीनों पहले की ही है, जो घटना मेरे साथ हुई थी और अभी तक हो रही है।
घटना को सुनाने से पूर्व मैं आपको अपने बारे में बता दूँ, मेरी लम्बाई 5′ 5″ है और मैं थोड़े गठीले बदन की हूँ।
मेरे वक्ष का नाप 34 कमर 29 और मेरे नितम्ब 36 इन्च के हैं और अभी मेरी उम्र 39 वर्ष की है। मैं एक शादीशुदा औरत हूँ और अच्छे परिवार से हूँ।

मेरे दो बच्चे हैं एक लड़की 22 वर्ष की है, जिसका नाम पिंकी है और वो अपने ननिहाल में नाना-नानी के पास ही रहती है। वो कॉलेज में पढ़ती है।
एक बेटा 19 वर्ष का है जो दूसरे शहर उदयपुर राजस्थान में रहता है, वहीं पर कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर रहा है।
मेरे पति की पास के गाँव में किराने की दुकान है और उनका नाम गोपाल है और मेरे ससुर का नाम बालू है। मेरे ससुर जी अध्यापक थे पर अब नहीं पढ़ाते हैं।

Friday 31 October 2014

Dost ki Shadishuda Bahan ko Choda-2

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Dost ki Shadishuda Bahan ko Choda-1

Dost ki Shadishuda Bahan ko Choda-1

दोस्तो, मैं lusty अपनी नई कहानी लेकर आप लोगों के सामने हाजिर हूँ।

yeh kahni mere ek dost ki hai ,,, so aagay ki kahni uski jubani. Big Grin


यह कहानी मेरे दोस्त मयंक की बहन अंकिता और मेरी है।

दिल्ली में मयंक मेरा एक दोस्त था और मैं उसके घर आता-जाता रहता था।

एक दिन मैं उसके घर गया तो मैंने एक लड़की को देखा। मैंने उसे देखते ही सोचा कि यार चूत तो यहीं मिल गई।

जब मैंने उसे देखा तब वो कैपरी और टी-शर्ट में थी। उसका फिगर 34बी-26-32 होगा।
क्या मस्त उठी हुई चूचियाँ थीं। उसके गोरे गाल बिल्कुल दूध की तरह, गुलाबी होंठ जैसे बुला रहे हों कि आओ हमें चूस लो, काले और लम्बे बाल जो खुले हुए थे… आह.. क्या नशीला बदन था..!

उसको देखकर मेरे होश उड़ गए। उसकी पतली कमर, चिकनी मस्त गांड, भरी हुई बड़ी-बड़ी चूचियाँ देख कर मेरे मन में उसके साथ रात बिताने के ख्याल आने लगे।

उसकी बगैर ब्रा की टी-शर्ट से बड़ी-बड़ी चूचियों की घुन्डी साफ दिख रही थीं।

उसकी झील सी गहरी आँखों का तो जवाब ही नहीं था, तीखे नयन-नक्श, कुल मिला कर उसके बदन में कहीं से भी कोई भी कमी नजर नहीं आती थी।

उसकी उम्र लगभग 25 साल होगी, वो इतनी सेक्सी लग रही थी कि मुझे लगा कि मैं खड़े-खड़े झड़ जाऊँगा।

तभी मेरे दोस्त ने बताया कि यह उसकी ममेरी बहन है जिसकी 35 दिन पहले शादी हुई है। लेकिन उसके पति को कॉल आ गया और शादी की रात को ही चले गए।
यह दिल्ली से ही एमबीए करने आई है।

मैंने मन में सोचा इसने तो अभी सुहागरात भी नहीं मनाई होगी। अब यही मेरे लौड़े के निशाने पर रहेगी।

मैं बोला- चलो अच्छी बात है।

फिर मैं बैठ गया तब वो चाय लेकर आई, मुझे देने के लिए झुकी जिससे उसकी दोनों चूचियों की आधी झलक मुझे दिख गई।

मैं ध्यान से उसकी चूचियों को देख रहा था। मेरा मन कर रहा था कि अभी ही मैं उसकी चूचियों को पकड़ कर मसल दूँ, पर मैं कुछ कर नहीं सकता था।
यह बात शायद उसे पता चल गई थी, वो जानबूझ कर सोफे पर ऐसे झुक कर बैठी कि मुझे उसके मम्मे आसानी से दिख जाएँ।

मैंने भी उसके मम्मे को देखने का लालच नहीं छोड़ा।
उसने मुझे देखते हुए पकड़ लिया, वो मुस्कराई और मैं शरमा गया लेकिन हम दोनों की नजरें बहुत कुछ कह गई थीं।

अब मैं मयंक के घर बहुत जाता था। मयंक से मिलने और फिर अंकिता को ताड़ने और किसी बहाने से उसको छूने का प्रयास करता रहता।

अब तक वो भी समझ गई थी कि मैं इतना उसके घर क्यों आता हूँ, तो जब भी जाता मुझे अपने प्यारे सामान दिखा कर मजा देती थी।

मुझे जब भी मौका मिलता उसके चूतड़ों को दबा देता तो कभी चूची पर हाथ फेर देता था।
वो मुस्कुरा कर कुछ नहीं बोलती तो मैंने सोचा कि अगर इससे अकेले में मुलाक़ात हो तो यह चुद भी सकती है।

मैं वैसा ही कोई मौका ढूँढ़ने लगा।
एक दिन मेरी किस्मत खुल गई और मुझे मौका मिल गया।

एक दिन मैं उसके घर गया और घर के बाहर से आवाज दी, पर कोई बाहर नहीं आया।
मैंने दरवाज़े की घण्टी बजाई तो अन्दर से अंकिता बाहर आई और तब वो रेशमी चोली, घाघरी और ओढ़नी पहनी थी।

तो मैंने पूछा- मयंक है?
उसने कहा- घर में कोई नहीं है, सब बाजार गए हैं।

यह सुन कर मैंने मन ही मन में सोचा आज इसको चोदने के लिए राज़ी करने का अच्छा मौका है, मैं अन्दर चला गया।